टेक कंपनी गूगल का कहना है कि नए आईटी नियम गूगल पर लागू नहीं होते है। गूगल ने दिल्ली हाई कोर्ट में इसके लिए एक याचिका दाखिल की है। अपनी याचिका में गूगल ने कहा है कि वह एक सर्च इंजन है ना कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, इसलिए उसके ऊपर नए कानून लागू नहीं होते। गूगल ने याचिका में मांग की है कि उसके मामले को अलग से देखा जाए।
आपको बता दें कि गूगल की इस याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से जवाब माँगा है। इस मामले में अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी।
गूगल ने दिल्ली हाई कोर्ट में एकल न्यायाधीश के इस आदेश को रद्द करने की मांग की है जिसके तहत इंटरनेट से आपत्तिजनक सामग्री को हटाने को कहा गया है। एकल न्यायाधीश की पीठ ने उस मामले की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया था, जिसमें एक महिला की तस्वीरें कुछ बदमाशों ने अश्लील कंटेंट दिखाने वाली एक वेबसाइट पर अपलोड कर दी थीं और उन्हें अदालत के आदेशों के बावजूद वर्ल्ड वाइड वेब से पूरी तरह हटाया नहीं जा सका था एवं इन तस्वीरों को अन्य साइट पर फिर से पोस्ट किया गया था।
गूगल का कहना है कि वह सोशल मीडिया कंपनी नहीं है। ऐसे में शिकायत के बाद 24 घंटे के अंदर किसी कंटेंट को हटाने के लिए उस पर दबाव नहीं बनाया जा सकता, क्योंकि वह नए कानून के दायरे में नहीं आता है। गूगल ने दावा किया है कि एकल न्यायाशीश ने 20 अप्रैल के अपने आदेश में नए नियम के अनुसार सोशल मीडिया मध्यस्थ या महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ के तौर पर उसके सर्च इंजन का गलत चित्रण किया।
आपको बता दें कि प्रधान न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, फेसबुक, अश्लील कंटेंट दिखाने वाली साइट और उस महिला को नोटिस जारी किया है, जिसकी याचिका पर एकल न्यायाधीश ने आदेश जारी किया था। पीठ ने उनसे 25 जुलाई तक गूगल की याचिका पर अपना अपना जवाब देने को कहा।