एआरजी आउटलायर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस से कहा कि, टीआरपी स्कैम की जांच करते हुए आपको 3 महीने हो चुके है और आपके पास अभी भी रिपब्लिक टीवी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। बता दें कि याचिका में एआरजी मीडिया ने टीआरपी स्कैम मामले में चैनल और चैनल के कर्मचारियों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई को चुनौती दी है।
एआरजी आउटलायर मीडिया रिपब्लिक टीवी का संचालन करती है। मामले की सुनवाई को बॉम्बे हाई कोर्ट ने कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है।
TRP Scam: "You have no evidence against Republic TV after 3 months:" Bombay High Court to Mumbai Police
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— Bar & Bench (@barandbench) March 17, 2021
आपको बता दें कि टीआरपी स्कैम में रिपब्लिक टीवी का नाम तब सामने आया था जब पिछले साल मुंबई पुलिस कमिश्नर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करके अन्य चैनलों के साथ रिपब्लिक का नाम भी टीआरपी स्कैम में लिया था। टीआरपी स्कैम को लेकर के ही मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक के कर्मचारियों से भी पूछताछ की और कुछ को गिरफ्तार भी किया, जिसमें रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खनचंदानी का भी नाम शामिल है। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गयी।
इसके अलावा टीआरपी स्कैम में मुंबई पुलिस की कार्रवाई टीआरपी रेटिंग को जारी करने वाली संस्था ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च कॉउंसिल (बार्क) तक भी पहुंची। पुलिस ने बार्क के पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया और पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता से मामले में गिरफ्तार किया। पार्थो दासगुप्ता को अभी पीछे ही बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिली है।
आपको बता दें कि पार्थो दासगुप्ता पर आरोप लगा है कि उन्होंने बार्क में रहते हुए अपने पद का दुरूपयोग किया और अपने निजी स्वार्थ के लिए एक खास चैनल को लाभ पहुंचाया। उस खास चैनल को टीआरपी रेटिंग में नंबर वन दिखाया जबकि वह चैनल नंबर वन था ही नहीं।
आपको बता दें कि टीआरपी स्कैम के सामने आने के बाद बार्क ने न्यूज़ चैनल्स की साप्ताहिक रेटिंग को जारी करना बंद कर दिया जो कि अबतक जारी है।