हाथरस पीड़िता की फोटो मीडिया में छपने से रोकने वाली याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर
दिया।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, हम कानून पर कानून नहीं बना सकते हैं। याचिकाकर्ता मामले को लेकर के
सरकार से भी निवेदन कर सकता है। इस याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना वाली पीठ ने की। इस पीठ ने न्यायमूर्ति
सूर्यकान्त और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि, यहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का
अधिकार है। इसके लिए समुचित कानून हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी घटनाएं होती हैं। आपको बता दें कि 19 सितम्बर को उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय युवती के साथ चार आरोपियों ने
कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था। इसके बाद 29 सितम्बर को पीड़िता की अस्पताल में मौत हो गयी
थी।