सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के स्वामित्व वाले मेसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर के केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है कि, व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी 2011 के सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का उल्लंघन करती है। कंपनी को नई प्राइवेसी पॉलिसी को लागू करने से रोका जा सकता है।
बता दें कि इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करके कहा गया है कि, व्हाट्सऐप ने यूजर्स को फेसबुक के साथ डाटा साझा करने के लिए अपनी सहमति देने या 8 फ़रवरी के बाद उनके अकाउंट को बंद करने की धमकी दी थी। लेकिन यूजर्स के विरोध के बाद इसपर 15 मई तक रोक लगा दी गयी है। डाटा के सम्बन्ध में कानून काफी हद तक सीमित है। इसे विनियमित करने के लिए एक कार्ययोजना बनाने की जरुरत है। याचिका में भारत में काम करने वाली सभी ऐप और संगठनों से नागरिकों की डेटा सुरक्षा करने के लिए अदालत से सरकार को निर्देश देने की मांग की गयी है।
इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि व्हाट्सऐप अपनी नई नीति को वापस लेने या फिर 4 फ़रवरी की प्राइवेसी पॉलिसी से बाहर निकलने का विकल्प प्रदान करे।
बता दें कि 2 फ़रवरी को सुनवाई में कोर्ट ने व्हाट्सऐप प्राइवेसी मामले में दायर याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा था।