केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लोकसभा में टेलीविज़न रेटिंग सिस्टम को लेकर कहा कि, मौजूदा गाइडलाइन्स में ऑडियंस के मापन, चैनल चयन, प्लेटफॉर्म की गोपनीयता, डाटा विश्लेषण, पारदर्शिता और शिकायत वितरण तंत्र आदि के लिए कार्यप्रणाली जैसे प्रावधान हैं, जो देश में एक मजबूत, पारदर्शी और जवाबदेह रेटिंग प्रणाली के लिए आवश्यक है।
आपको बता दें कि, लोकसभा में टीआरपी मामले पर सांसदों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि, कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर वर्तमान गाइडलाइन्स का मूल्यांकन किया जा रहा है ताकि अगर कोई कमी हो तो वो सामने आ जाए और उसे दूर किया जा सके। साल 2015 के बाद से टीआरपी हेर फेर के बारे में मिली शिकायत के सवाल पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि, इस तरह की शिकायतों का कोई आंकड़ा तैयार नहीं किया गया है। बार्क से सम्बंधित शिकायतों को आमतौर पर उचित कार्रवाई के लिए बार्क को भेज दी जाती है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि टीआरपी में छेड़छाड़ और हेर फेर को रोकने के उद्देश्य से एफआईआर दर्ज करवाई जाने के साथ ही बार्क द्वारा नियमित रूप से तमाम ऐसे कदम उठाये जाते है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि व्यूवरशिप डाटा और इसकी रिपोर्टिंग यथासंभव सटीक और पारदर्शी हो।
पिछले साल अक्टूबर महीने में टीआरपी घोटाले का मामला सामने आने के बाद से ही बार्क की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग्न शुरू हो गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कमियों को दूर करने के लिए और मौजूदा रेटिंग सिस्टम की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसने हाल ही में अपनी रिपोर्ट दी है।
आपको बता दें कि, इस कमेटी की अध्यक्षता प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पत्ति ने की थी।