टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट (टीआरपी) हेर फेर में ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च कॉउंसिल (बार्क) की भूमिका पर खड़े होते सवाल के बाद बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (बीसीसीएल) बार्क पर क़ानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है। बता दें कि, बीसीसीएल अपने चैनल टाइम्स नाउ के लिए, जो टाइम्स नेटवर्क के अधीन है, बार्क के व्यूवरशिप डाटा की सब्सक्राइबर्स है।
साल 2017 खास करके मई 2017 जबसे रिपब्लिक टीवी की लॉन्चिंग हुई तबसे टाइम्स नाउ की टीआरपी रेटिंग में काफी हेर फेर हुई, जिसमें अवैध रूप से रिपब्लिक टीवी एक से अधिक लॉजिकल चैनल नंबर का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक प्रोग्राम गाइड से अलग इस्तेमाल किया गया। टाइम्स नेटवर्क का कहना है कि, जिस तरह से जमीनी स्तर पर टाइम्स नाउ के डाटा में गड़बड़ियां पाई गई। डाटा से छेड़छाड़ करके किसी दूसरे चैनल को फायदा पहुँचाने की कोशिश की गयी। नेटवर्क ने कहा कि, वो दो साल तक बार्क से इसकी शिकायत करता रहा, लेकिन कभी इसका कोई समाधान नहीं मिला।
टाइम्स नवटवर्क ने 25 दिसंबर 2020 को मुंबई पुलिस के जॉइंट कमिश्नर द्वारा टीआरपी घोटाले पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस को आधार बना करके कहा कि, इससे साफ़ है कि साल 2017 और 2018 में रिपब्लिक टीवी को फायदा पहुँचाने के लिए बार्क के अधिकारियों द्वारा किए गए हेर फेर के सबूत आ चुके हैं। बार्क की जुलाई 2020 की फॉरेन्सिक ऑडिट रिपोर्ट और उस समय के कई ईमेल और व्हाट्सऐप चाट से साफ़ है कि टाइम्स नाउ की टीआरपी को बार्क के अधिकारियों ने जानबूझ करके घटाया था। पार्थो दासगुप्ता और रोमिल रामगढ़िया की अगुवाई में बार्क ने इंग्लिश न्यूज़ चैनलों की श्रेणी में रिपब्लिक टीवी को फायदा पहुँचाया। जबकि टाइम्स नाउ एक बड़े मार्जिन से आगे बढ़ रहा था। इस पुरे टीआरपी के हेर फेर में टाइम्स नेटवर्क को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। इसके साथ ही नेटवर्क का यह भी कहना है कि, बीते कई हफ्ते से बार्क की ओर से अधिकारियों के बयान लेने की कोशिश की गयी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। ऐसे में टाइम्स नेटवर्क अपनी शिकायतों की अनसुनी होने और खुद को पहुंचे नुकसान के खिलाफ हर संभव कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।
आपको बता दें कि, टीआरपी घोटाले के मामले में बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता गिरफ्तार है। अभी हाल ही में कोर्ट ने उनकी जमानत की अर्जी को ख़ारिज कर दिया था। इसके अलावा बार्क के पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया भी टीआरपी घोटाले में गिरफ्तार है।