72 वाँ गणतंत्रा दिवस ऐसे ज़ख्म दे गया है जिसका दर्द लगातार टीस मार रहा है अंतरात्मा अंदर ही अंदर रो रही है कि किस तरह से पूरी दिल्ली को बंधक बना लिया गया और लाल किले पर कब्जा कर वहाँ अपने झण्डे लगा दिए गए सैकडों पुलिस वालों ने 20 फीट गहरी खाई में कूद कर जान बचाई, कितनो के सिर फूटे तो कितनो के हाथ पाँव टूटे कैसा नंगा नाच हुआ और हम सब बस खामोश सब कुछ होते देखते रहे, शर्म की बात यह है कि इसमें मीडिया की भूमिका भी शर्मनाक रही वह तो चुस्त दुरुस्त प्रशासन की समझदारी रही नहीं तो ‘‘इंडिया टूडे के राजदिप सरदेसाई’’ ने तो लाशें बिछवाने की पूरी तैयारी कर दी थी उन्होंने भीड़ को भड़काने के लिए सीधे-सीधे पुलिस की गोली से किसान की हत्या की ख़बर दे दी और अपने चैनल इंडिया टूडे पर टेलिकास्ट भी करवा दिया जिससे स्तिथि भड़कीं लेकिन शीघ्र ही प्रशासन ने सच सामने ला कर हालात को भयावह होने से बचा लिया…….
ऐसे पत्रकार व एंकर या चैनल का पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए ……
भारतीय केबल टीवी ऑपरेटर देश विरोधी किसी भी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे, ऐसे चैनलों का प्रसारण नहीं किया जाएगा!
ऐसे पत्रकारों व एंकरों का बहिष्कार किया जाएगा!
हमारी माँग है कि इनके विरुद्ध एफआईआर (FIR) दर्ज कर कार्यवाही की जानी चाहिए….!