मीडिया संस्थानों को बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने निर्देश दिया है कि वो बलात्कार या बाल शोषण के शिकार पीड़ितों का असली नाम व उससे संबंधित किसी भी जानकारी को सबके सामने नहीं लेकर आ सकते हैं। आपको बता दें कि, मीडिया संस्थानों के लिए कोर्ट ने यह निर्देश रेप पीड़ित की पहचान उजागर करने के खिलाफ दायर की गयी याचिका की सुनवाई करने के दौरान दी।
कोर्ट ने कहा कि भारतीय दंड सहित के तहत बलात्कार के मामलों और बाल यौन अपराध सरक्षण अधिनियम के तहत दर्ज किये जाने वाले मामलों में प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया यह सुनिश्चित करें कि बलात्कार या बाल शोषण के शिकार लोगों की पहचान करके उनके अभिभावकों के पते या नाम का विवरण ना बताया जाए। यहां तक की अगर पीड़ित की मौत हो गयी हो तब भी पीड़ित की नजदीकी रिश्तेदार या सेशंस जज की अनुमति के बिना नाम या पहचान को उजागर नहीं किया जाए।
आपको बता दें कि बलात्कार की शिकार लड़की या महिला का नाम प्रचारित करने और उसके नाम को उजागर करने से संबंधित कोई भी मामला आईपीसी की धारा 228ए के तहत अपराध है।
मीडिया संस्थानों को बॉम्बे हाई कोर्ट का निर्देश
New Delhi, 16-August-2021, By IBW Team