केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गूगल और फेसबुक जैसी टेक कंपनियों द्वारा न्यूज़ पब्लिशर्स के साथ अपना ऐड रेवेन्यू साझा करने के मामले पर लोकसभा में कहा कि इस पर सरकार द्वारा कानून बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने इंडियन न्यूज़पेपर सोसाइटी द्वारा गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों को विज्ञापन से होने वाली कमाई को साझा करने की उनकी मांग का समर्थन नहीं किया है।
इसके अलावा जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार को वैश्विक नियम कायदों के अनुसार, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित ख़बरों के लिए गूगल जैसी कंपनियों से राजस्व प्राप्त होता है ? इस पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार पब्लिशिंग इंडस्ट्री में लागू दरों के हिसाब से जीएसटी हासिल करती है और इस सम्बन्ध में कानून बनाने को लेकर सरकार की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है।
आपको बता दें कि पीछे ही आईएनएस के प्रेजिडेंट एल आदिमूलम ने गूगल के कंट्री मैनेजर संजय गुप्ता को पत्र लिखकर के गूगल को विज्ञापन से होने वाली कमाई में पब्लिशर्स की 85 फीसदी हिस्सेदारी करने की मांग की थी।
कुछ महीने पहले ऑस्ट्रेलिया की संसद में एक कानून पारित हुआ था, जिसके तहत टेक कंपनियों को खबर दिखने के बदले भुगतान करना जरुरी होगया। पहले तो इसपर गूगल और फेसबुक ने विरोध किया, लेकिन बाद में भुगतान की बात पर उनकी सहमति बन गयी।