ऑनलाइन डिजिटल पेमेंट ऐप मोबिक्विक के 9.9 करोड़ भारतीय ग्राहकों का डाटा लीक हो गया है। ग्राहकों का जो डाटा लीक हुआ है उसमें मोबाइल नंबर, क्रेडिट करेड़ नंबर, बैंक खाता संख्या और ईमेल की जानकारी शामिल हैं।
आपको बता दें कि डाटा लीक का खुलासा सिक्योरिटी एनालिस्ट्स राजशेखर राजहरिया ने किया है। इस बार में उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल, पीसीआई स्टैंडर्ड्स और पेमेंट टेक्नोलॉजी कंपनियों को पत्र लिखा है। हालांकि, मोबिक्विक ने अपने ग्राहकों के डाटा लीक होने के दावे को ख़ारिज किया है। कंपनी का कहना है कि, एक व्यवस्थित इकाई होने के चलते वे डाटा सुरक्षा को बेहद गंभीरता से लेते है। कंपनी अपने पीसीआई-डीएसएस और आईएसओ सर्टिफिकेटों के तहत बेहद कड़े अनुपालन उपाय लागू करती है, जिनमे वार्षिक सुरक्षा ऑडिट और हर तिमाही में नेटवर्क पर आक्रमण का टेस्ट करना शामिल है।
मोबिक्विक का कहना है कि, डाटा लीक के दावे का पता चलते ही कंपनी ने बाहरी सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ मिलकर के जांच शुरू कर दी थी। जांच में डाटा के किसी भी तरह से लीक होने की जानकारी नहीं है। इस मुद्दे पर कंपनी सम्बंधित प्राधिकारों के साथ मिलकर के काम कर रही है और आरोपों को गंभीरता से देखते हुए थर्ड पार्टी फोरेंसिक डाटा सिक्योरिटी ऑडिट भी कराएगी। इसके साथ ही कंपनी ने अपने यूजर्स से कहा है कि उनका डाटा पूरी तरह से सुरक्षित है।
मीडिया रिपोर्ट की ख़बरों के अनुसार, जॉर्डनहैवन नाम के एक हैकर समूह ने एक समाचार एजेंसी को ईमेल के जरिये डाटा बेस का लिंक भेजा है। इसमें लिखा है कि उनका कंपनी से पैसा लेने के अलावा इस डाटा का कोई और उपयोग करने का इरादा नहीं है। और वे इसे अपनी तरफ से हटा रहे हैं। बता दें कि, जॉर्डनहैवन ने मोबिक्विक के फाउंडर विपिनप्रीत सिंह और सीईओ उपासना टाकू का भी बैंकिंग डाटा शेयर किया है।
आपको बता दें कि मोबिक्विक एक ऑनलाइन डिजिटल पेमेंट ऐप है, जिसे 2009 में शुरू किया गया था।